क्षेत्र के गांवों में पानी के लिए हाहाकार, पांच मे से चार मोटर खराब

मौदहा / हमीरपुर (अअजहर हुसैन टीपू): गर्मियों की शुरुआत से ही क्षेत्र में पानी का संकट शुरू हो गया था जबकि इस साल समय से पहले शुरू हुई गर्मियों के कारण अप्रैल के महीने में ही भीषण गर्मी शुरू हो गई है।
जिसके चलते क्षेत्र में पानी का संकट गहरा गया है जल निगम द्वारा दो गावों की पेयजल आपूर्ति के लिए पांच ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति की जा रही थी लेकिन चार ट्यूबवैल के मोटर खराब होने के कारण मात्र एक ट्यूबवेल द्वारा की जा रही सप्लाई के कारण लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।
हालांकि संसाधनों की कमी के चलते गावों के लोगों से चंदा किए जाने की बात सामने आई है जबकि गांववालों ने फर्जी रशीद काटकर पैसे लेने का आरोप लगाया है तो वहीं आपरेटर ने अपने अधीनस्थों के कहने पर चंदा लेकर मोटर सही कराने की बात कही है।
कोतवाली क्षेत्र के पानी की कमी से हमेशा जूझने वाली बेल्ट के गांवों टिकरी और सिजवाही में हो रही पानी की किल्लत को देखते हुए पिछली पंचवर्षीय योजना में जल निगम हमीरपुर द्वारा सिजवाही पेयजल योजना के तहत एक टंकी बनवाई गई थी जिसमें पांच नलकूपों द्वारा दोनों गावों टिकरी और सिजवाही में पाईपलाईन द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा रही थी।
लेकिन गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पांच में से चार नलकूपों के मोटरों ने जवाब दे दी जिसके चलते उक्त दोनों गावों की पेयजल आपूर्ति बाधित होने से पानी का संकट बढ़ गया। जबकि ग्रामीणों ने आपरेटर पर फर्जी रशीदों के माध्यम से पैसे वसूलने का भी आरोप लगाया है और बताया कि बाद में आपरेटर द्वारा घर घर जाकर रशीदों को वापस ले लिया गया है साथ ही आपरेटर जगदीश हमेशा शराब के नशे में रहता है।
जबकि आपरेटर जगदीश द्वारा बताया गया कि मोटर खराब होने के कारण हमने अपने ऊपर के अधिकारियों को अवगत करा दिया था जिसपर हमारे जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा था कि गावों में कुछ लोगों से चंदा कर मोटर सही करा लें क्योंकि वैसे बहुत समय लग रहा था और पानी की समस्या को देखते हुए एक बार पैसे लिए हैं चंदा के तौर पर जिन्हें ग्राम प्रधान के पास जमा करने भी गए थे.
लेकिन ग्राम प्रधान ने पैसे जमा नहीं किए हैं।अभी दो दिन पहले इंजीनियर आए थे लेकिन बिजली नहीं होने के कारण वापस लौट गए थे अब एक दो दिन में इंजीनियर आएंगे तो मोटर सही होने के बाद पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से की जा सकेगी।
साथ ही बताया कि विभाग द्वारा उनका एक साल से वेतन नहीं दिया गया है और उसके छोटे छोटे बच्चे हैं वेतन नहीं मिलने से उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है साथ ही पैसों के आभाव में बच्चों की पढाई बाधित हो रही है।