गाँव गाँव में हो रहे पौधारोपण की रक्षा की जबाबदेही तय हो- अजय राय

- पौधारोपण किए पौंधे की रक्षा की दायित्व मिले वनाश्रितो को – अजय राय
- फलदार व औषधीय पौधारोपण हो और पिछले पौधारोपण पर श्वेत पत्र जारी हो .
- गाँव गाँव में हो रहे पौधारोपण की रक्षा की जबाबदेही तय हो.
- विकास के मद में आयी धन की लूट बन्द हो.
चकिया: वन की रक्षा करने का दायित्व वनाश्रित की सहकारी समिति को यदि सरकार दे तो नौगढ़ व चकिया के वन गांव में प्राकृतिक सम्पदा की बढोत्तरी होगी, जंगल सुरक्षित होगा और साथ ही कृषि योग्य जमीन पर वेहतर किसानी भी होगी. इसके उल्टे जंगल की जमीन पर पुश्तैनी कब्जे से वनाश्रितों की वेदखली नौगढ़ व चकिया के वन गांव की शांति को भंग करेगी. इसलिए नौगढ़ की शांति व जंगल की जमीन पर अधिकार का आंदोलन स्वराज अभियान व आई पी एफ लडेगा. यह बाते आई पी एफ के नेता व मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय व संयोजक रामेश्वर प्रसाद ने कहा .
द्वय नेताओं ने कहा कि हमारा आंदोलन नौगढ़ मे कानून का राज की स्थापना के लिए है! यंहा वन विभाग गैरकानूनी बेदखली कर रहा है वनाधिकार कानून के प्रावधानों के अनुसार बिना दाबा निस्तारण के बेदखली नही की जा सकती इस सम्बन्ध में हाईकोर्ट ने आदेश भी दिया है वाबजूद इसके नौगढ़ व चकिया वन गांव में खेती योग्य जमीनी मे गढ्ढा व ट्रैंच खोद दिए गये! प्रशासन को इस गैर कानूनी बेदखली पर तत्काल रोक लगाकर कानून व न्यायालय का सम्मान बचना चाहिए ! यदि प्रशासन ने वनाधिकार के तहत जमीन पर अधिकार नही दिया तो स्वराज्य अभियान न्यायालय में अवमानना का मुकदमा दायर करेगा.
वक्तओं ने कहा कि नौगढ़ व चकिया के कई गाँव में विकास मदो मे आये धन की जबरदस्त लूट हो रही है कागज पर ही प्रधान मंत्री आवास व शौचालय बन रहे है! स्वच्छता अभियान के नाम पर कागज में ही कई गाँव को ओडीएफ घोषित किया गया और जो कुछ आवास व शौचालय बन भी रहे है उसमें भारी कमीशन खोरी हो रही है सांसद व विधायक निधि का जमीन पर कोई अता पता नही है!
सड़कों की भी निर्माण में मानकों की अनदेखी हो रहीं हैं कोरोना महामारी के समय भी आदिवासियों व गरीबों के राशनकार्ड नहीं बना है! मनरेगा के काम में भी भारी धांधली हो रही हैं! प्रशासन भले ही मनरेगा के तहत काम देने का दावा करे लेकिन औसत बहुत कम ही दिन मजदूरों को काम मिला हैं! ज्यादातर प्रवासी मजदूरों को अभी तक राशन किट व खाते में एक हजार रुपए नहीं मिला हैं!
द्वय नेताओं ने कहा कि पौधारोपन करने के पूर्व रामनगर प्रभागीय वन अधिकारी एक श्वेतपत्र जारी करते की पिछले साल कितनी जमीन पर कहॉ-कहॉ किस कार्यदायी संस्था द्धारा कितना पौधारोपन हुआ तथा उसपर कितना खर्च हुआ और वही अभी कितना पौधा सुरक्षित हैं क्योकि पौधारोपन के नाम पर काफी धन खर्च किया जाता है.
पौधा की ऱख ऱखाव सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ती होती हैं! वही फलदार व औषधीय पौधों को लगाने पर जोर हो और गांव गांव में हो रहें पौधारोपण की रक्षा करने की जबाबदेही तय हो!