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मोदी-योगी की भूमि पूजन में भागीदारी संविधान की शपथ का उल्लंघन-अजय राय


  • मोदी-योगी की भूमि पूजन में भागीदारी संविधान की शपथ का उल्लंघन
  • संविधान की रक्षा सुनिश्चित करें राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय
  • सरकारी धन के दुरुपयोग पर लगे रोक

चकिया: “मोदी-योगी की भूमि पूजन में भागीदारी संविधान की शपथ का उल्लंघन”, “संविधान की रक्षा सुनिश्चित करें राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय” तथा “सरकारी धन के दुरूपयोग पर लगे रोक”- यह बात अजय राय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी बयान में कही है.

उन्होंने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता संविधान का मूल आधार है. ऐसे में अगर मोदी और योगी बतौर प्रधान मंत्री एवं मुख्य मंत्री मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होते हैं तो यह उनके द्वारा पद सँभालते वक्त ली गयी संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा.

यह उल्लेखनीय है कि आज़ादी के बाद जब डा. राजेन्द्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करने के लिए चले गए थे तो नेहरु बहुत नाराज़ हुए थे. अतः महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय से जनता की तरफ से अनुरोध है कि वे संविधान की रक्षा सुनिश्चित करें.

इतना ही नहीं जब पटेल ने सरकारी पैसे से सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी तो नेहरू बहुत नाराज हुए थे और उन्होंने कोई भी सरकारी पैसा देने से मना कर दिया था. इस पर पटेल ने कृषि मंत्री के.एम.मुंशी से मिल कर चीनी गन्ना मिल मालिकों को चीनी का दाम बढ़ाने की अनुमति दे कर उसमें से आधा पैसा लेकर सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था.

इसका पता चलने पर नेहरु बहुत नाराज़ हुए थे. इसके विपरीत जब आज हम देखते हैं तो मोदी सरकार मंदिर के नाम पर 500 करोड़ रुo और योगी सरकार 450 करोड़ रुo दे रही है खास करके जब देश में हर रोज़ कोरोना के सैंकड़ों मरीज़ उचित स्वास्थ्य सुविधा एवं इलाज के बिना मर रहे हैं.

क्या एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की सरकार द्वारा एक मंदिर के लिए सरकारी धन दिया जाना जनता के पैसे का दुरूपयोग नहीं है. क्या यह उचित नहीं है कि मंदिर का निर्माण श्रधालुयों के दान से ही किया जाना चाहिए?

उन्होंने आगे कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश ने 5 अगस्त को सरकार द्वारा राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम के संबंध में कहा है कि वहां कोरोना महामारी के भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप ही कार्यक्रम किया जाए.

लेकिन इसकी खुलेआम अवहेलना करते हुए आरएसएस के नेताओं और भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा भव्य कार्यक्रम करने की घोषणाएं लगातार की जा रही हैं. यही नहीं इस कार्यक्रम में पूरे प्रदेश के पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को अभी से ही लगा दिया गया है. वहां मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री द्वारा दौरा किया जा रहा है और सरकारी मशीनरी एवं जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

अतः आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट राष्ट्रपति एवं राज्यपाल महोदय से अनुरोध करता है कि वे संविधान की रक्षा करें तथा मंदिर के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग रोकें ताकि देश में संवैधानिक व्यवस्था कायम रह सके.

द सर्जिकल न्यूज़ डेस्क

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