कार्पोरेट हवाले से नहीं सहकारी कृषि ही खेती बचाने का एक मात्र विकल्प :अजय राय

चन्दौली: स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कार्पोरेट लूट के कारण बर्वाद होती खेती किसानी पर अपनी चिंता को लेकर किसानों से जन सम्पर्क करने के बाद कहा कि कार्पोरेट के हवाले कर नहीं सहकारी कृषि आंदोलन ही खेती किसानी बचाने का एक मात्र विकल्प हैं।
उन्होंने कहा कि उधार की अर्थव्यवस्था से देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत नही किया जा सकता बल्कि कृषि को मजबूत करके ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता हैं मोदी सरकार लगातार कृषि को घाटे मे लाकर कार्पोरेट के हवाले करना चाह रहे है जबकि कृषि आंदोलन चलाकर खेती को बचाया जा सकता है क्योंकि अभी भी देश का सत्तर फीसदी आवादी कृषि पर निर्भर है।
सरकार की नीतियों ने किसानों की जिंदगी को तवाह कर दिया है भले ही मोदी सरकार विकास का ढिंढोरा पिटे लेकिन सच्चाई यह है कि हमारी जिंदगी का लाइफ लाइन कृषि लगातार घाटें मे जा रही है किसानों के सभी कर्ज मॉफी व उपज मे लागत का ढे़ड गुणा दाम देने का मोदी योगी जी के वादे तो छलावा साबित हुआ ही है।
अपने फसल का विक्री वकाया के भुगतान के लिए भी चक्कर लगाना पड रहा हैं! मोदी जी केवल विकास का सब्जबाग दिखा रहे हैं जबकि हम और आप जानते है कि देश में कोई भी विकास कृषि के विकास और किसानों की क्रयशक्ति बढ़ाये विना सम्भव नही है कृषि का पुनर्जीवन और चौतरफा विकास तरके ही उघोग , व्यापार, सेवा क्षेत्र के विकास को आवेग दिया जा सकता है और बडे पैमाने पर रोजगार का भी सृजन किया जा सकता है।
उन्होने कहा की चन्दौली जनपद हमारे वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है जो किसानों के लिए जब कभी-कभार गृह जनपद मे चुनाव के समय आते है तो किसानों के हीत की लम्बी लम्बी बातें करते रहते है लेकिन यहॉ के किसानों के हीत के लिए कुछ नहीं करते है किसानों की हालत खराब है नहर माईनर बन्धे जर्जर है लिफ्ट कैनाल शो पीस है।
फसलो की उपज की कोई गॉरटी नही हैं उनकी सरकार कोर्पोरेट की लूट के लिए खेती को बर्बाद करने की नीतियों पर अमल कर रही है। लेकिन वह मौन रहते हैं उन्होंने कहा कि स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में चन्दौली, सोनभद्र मिर्जापुर मे सहकारी कृषि आंदोलन के द्वारा कॉरपोरेट लूट के खिलाफ खेती को बचाने के लिए अभियान चलाया जायेगा सहकारी कृषि करने व किसानों की उपज की गॉव स्तर पर खरीद की गॉरटी हो।
अत: किसानो में सहकारी कृषि की भावना को आगे बढ़ाने के लिए आगे आये लाकडाउन के नियम को पालन करते हुए स्वराज अभियान के द्धारा चलाए जन अभियान में शामिल हो