
वाराणसी।के धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों से अपील है कि वे उत्तर प्रदेश सरकार की दमनात्मक और असंवैधानिक कार्यवाही का विरोध करें।
हम समाज से अपेक्षा करते हैं कि फैसल खान को ठीक से समझे और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के प्रयासों का साथ दे न कि उनका जो समाज को अपने निहित स्वार्थ हेतु बांटना चाहते हैं। हम यह भी मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस अपनी गलती को सुधारते हुए फैसल खान व उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लें व फैसल खान को ससम्मान रिहा करें।
इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। एक ऐसी शख्सियत, जो साम्प्रदायिक सद्भावना बढ़ाने के लिए दिन-रात काम कर रहा हो। जिसको कई हिन्दू धर्म गुरुओं से लेकर प्रतिष्ठित आईटीएम विश्वविद्यालय द्वारा पुरस्कृत किया गया हो, जिसने सबका घर बनाकर सभी धर्मों, जातियों के लोगों के लिए साथ रहने और खाने की व्यवस्था शुरू की हो, जो घोषित गांधीवादी और समाजवादी हो, जिसे 97 वर्षीय स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी डॉ जीजी परीख जी से लेकर मेगासेसे अवार्ड विजेता समाजवादी चिंतक सन्दीप पांडेय का आशिर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त हो। जिसने शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सैकड़ों यात्राएं की हों ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना बतलाता है कि योगी सरकार सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वालों को पुरस्कृत कर रही है तथा सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा देने वालों को प्रताड़ित कर रही है।
फैसल खान पिछले साल दिल्ली-कोलकाता लिंचिंग व हिंसा मुक्त भारत साइकिल यात्रा यात्रा निकाले थे यात्रा वाराणसी आने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राजातालाब व प्रधानमंत्री सांसद आदर्श गाँव नागेपुर में ज़ोरदार स्वागत किया था।