उपजिलाधिकारी सेवराई ने बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों संग की बैठक, बनाई रणनीत

सेवराई। गंगा के बढ़ते जलस्तर को दृष्टिगत रखते हुए बाढ़ राहत कार्य के लिए उप जिलाधिकारी ने सेवराई तहसील क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बाढ़ से निपटने के लिए रणनीति बनाई। उप जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए बाढ़ राहत चौकी व राहत शिविर की जिम्मेंदारियों से अवगत कराया। बताया कि सभी लोग अपने अपने क्षेत्र में बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कसकर जुट जाए। बताया कि तहसील क्षेत्र में 52 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जिनकी निगरानी के लिए 15 बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा दो राहत केंद्र और 38 नाव की व्यवस्था भी की गई है।
बाढ़ की वजह से करीब 35000 से अधिक आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ के बचाव कार्य के लिए उप जिलाधिकारी ने तहसीलदार अमित शेखर, खंड विकास अधिकारी रेवतीपुर सुरेंद्र राणा, खंड विकास अधिकारी भदौरा अरविंद कुमार यादव, खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति गोयल, सीताराम यादव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा, डा. धनंजय आनंद, अनिल कुमार वर्मा ,रजिस्ट्रार कानूनगो मार्कण्डेय, राजस्व निरीक्षक राकेश राय, दीनानाथ यादव,भोला राम,अवधेश सिंह,राजदेव आदि सहित राजस्व कर्मियों को उनके कार्यों एवं जिम्मेदारियों का बोध कराते हुए रणनीति बनाई गई। साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए राहत शिविर में पीड़ितों को शासन द्वारा प्रदत दिशा निर्देश के क्रम में सभी प्रकार के बंदोबस्त पूरे करने का निर्देश दिया।
बाढ़ राहत शिविर में रहने खाने-पीने के अलावा बच्चों के पढ़ने की भी व्यवस्था:-
उप जिलाधिकारी राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि बाढ़ राहत शिविर में पीड़ितों के खाने पीने के लिए स्वच्छ जल व दो टाइम भोजन की बंदोबस्त किया गया है। इसके साथ ही उनके सोने के लिए साफ बिस्तर आदि दैनिक दिनचर्या के लिए सारे बंदोबस्त पूरे कर लिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों के बच्चों को पढ़ने के लिए राहत शिविर में ही शिक्षकों की तैनाती की गई है या फिर बाढ़ के दौरान बच्चों को पठन-पाठन कराएंगे।
आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर घर जाकर लोगों को जागरूक करने की भी अपील की गई है। बाढ़ आपदा के दौरान पशु चारा पशुओं के रखरखाव आदि का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
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