नवरात्र शुरु आज पूंजी जाएगी मां शैलपुत्री

सेवराई ।(गाजीपुर): चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाला वासंतिक नवरात्र का आगाज आज बुधवार से होगा। इस दिन कलश स्थापना के साथ श्रद्धालु इस साल नौ दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही हिन्दुओं का नव संवत्सर यानि विक्रम संवत 2080 का शुभारंभ हो जाएगा। इसके तहत 30 मार्च को रामनवमी मनाई जायेगी।
अनुष्ठान की तैयारियों को लेकर मंगलवार को लोगों ने कलश व पूजा-पाठ के सामानों की खरीदारी की जिसके चलते पूजा सामग्री की दुकानों पर भीड़ लगी रही। महाअष्टमी को महिलाओं द्वारा घरों में कलश रखकर की जाने वाली महानिशा पूजा 28 मार्च मंगलवार को होगी। इस आशय की जानकारी देते हुए कामाख्या धाम के आचार्य श्री रामाकांत पाण्डेय शास्त्री पौराणिक जी ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का आगमन 23 मार्च दिन मंगलवार को रात्रि 11:04 बजे के बाद हो रहा है, जो बुधवार की रात्रि 9:24 बजे तक आ रही है। अतः सूर्योदय काल में तिथि का मान होने से नवरात्रि बुधवार से ही प्रारंभ हो रही है। नवरात्र के दौरान उपवास रख जगत जननी मां जगदम्बे की आराधना और पूजा पाठ करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होने के साथ ही व्यक्ति का इंद्रियों पर विजय प्राप्त होता है। इसको लेकर बाजार में फल फूल की दुकानों पर श्रद्धालुओं द्वारा तैयारियों के तहत जमकर फल आदि की भी खरीदारी की गई। उन्होंने बताया कि इसी तिथि से हिंदू समुदाय का नव वर्ष संवत्सर 2080 प्रारंभ हो जाएगा। संवत्सर शुरू होने के चलते ही इस तिथि को वर्ष प्रतिपदा भी कहा जाता है। यह दिन भारतीय नववर्ष के रुप में जाना जाता है। हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा पूरे धूमधाम व उत्साह के साथ नए साल के आगमन के रूप में मनाया जाता है। नवरात्र बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है। नवरात्र के दस दिनों में मानव की दस इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ईश्वरीय शक्ति से साक्षात्कार का प्रतीक माना गया है। नवरात्र के अंतर्गत पड़ने वाले नवमी को रामनवमी के रुप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इसको लेकर इस अवसर पर विशेष धूम रहती है। भारतीय संस्कृति की पहचान को कायम रखते हुए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय नववर्ष के रुप में मनाते हुए हम पूर्वजों की धरोहर को आने वाली पीढ़ी को सौंपते हैं।
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