मौसम की बेरूखी से किसान हलकान

सेवराई।आसमान से बरसर ही गर्मी से जनजीवन बेहाल नजर आ रहा है।गर्मी एवं उमस से बचने के लिए लोग कोल डींक आदि का सहारा ले रहे हैं। आसमान में बादलों के आवाजाही के बीच बरसा को लेकर लोग आसमान में टकटकी लगाए हैं। बहरहाल उन्हें कहीं से भी राहत मिलने की संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है।सुबह सात बजे से ही हो रही तीखी धूप के चलते लोग घर में ही कैद रहने को विवश हैं।जरूरी कार्य से ही लोग बाहर निकल रहे हैं।मौसम की बेरूखी से सबसे अधिक किसान हलकान नजर आ रहे हैं।तेज धूप एवं लगातार बढ़ते तापमान के बीच धान आदि की नर्सरी को बचाने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी पुरी तरह से फेल होने से लोग बर्षा की आस लगाए आसमान की ओर टकटकी लगाएं है। आषाढ़ मास निकल जाने के बावजूद सावन में सूखे की स्थिति बनने से खेती प़धान इलाके के किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। बहरहाल आग बरसती धूप से राहत के आसार कहीं नहीं दिखाई दे रहा है।