मकर संक्रांति के पर्व पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब, लगाई डुबकी

सेवराई। मकर संक्रांति के पर्व पर आज गहमर में स्नान-ध्यान का सिलसिला भोर से ही शुरू रहा। नरवा गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा
भक्ति भाव में लोग आज मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति का पर्व पर सूर्य देव दक्षिणयान से उत्तरायण होंगे।
विद्वान पंडीतो की माने तो सूर्य भगवान 15 जनवरी की रात 3 बजकर 2 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस तरह से वास्तविक मकर संक्रांति रविवार को होगी। स्नान का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 18 मिनट तक है। इस दिन स्नान-ध्यान, दान-पुण्य और तिल-गुड़ खाएंगे। इस दिन खिचड़ी भी खाई जाती है। श्रद्धालुओं के द्वारा सुबह 4 बजे से ही गंगा स्नान चल रहा है। अभी तक करीब दस हजार से ज्यादा लोगों ने गहमर में गंगा में डुबकी लगा ली है। गहमर के नरवा घाट, पंचमुखी घाट, सोझवा घाट आदि कई घाटों पर लोग स्नान करने के बाद दान-पुण्य भी कर रहे हैं। पण्डित कृष्णानंद पांडेय ने बताया कि मकर संक्रांति से ही होता है ऋतु परिर्वतन, हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का महत्व काफी विशेष है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसी दिन से भारत सहित समस्त ग्लोब पर ऋतु परिवर्तन होता है। इसके बाद बसंत की शुरुआत होने लगती है। मकर संक्रांति पर्व को विज्ञान के हिसाब से देखें तो ठंडक का प्रभाव कम होता जाएगा। सूरज देवता अब पृथ्वी की दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध की ओर बढ़ रहा है। सूरज के उत्तरायण होने का यह सिलसिला इस साल 21 जून तक चलेगा। वहीं, सूरज मार्च में विषुवत रेखा को पार कर जाएगा।