लोको पायलट की सतर्कता से दुर्घटनाग्रस्त होने से बची महानंदा एक्सप्रेस

पूर्व मध्य रेलवे दानापुर मंडल अंतर्गत भदौरा तथा करहियां हाल्ट के बीच पश्चिम छोर स्थित बकैनिया गांव के पास शनिवार की देर रात दिल्ली से न्यू जलपाईगुड़ी जा रही दिल्ली अलीपुरद्वार सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस (15484) को डी- रेल करने की साजिश नाकाम हो गई। एक पखवाड़े के अंदर इस प्रकार की यह दूसरी घटना है।सूचना पर पहुंची गहमर पुलिस अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई में जुट गई है।विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अराजक तत्वों द्वारा डाउन लाइन रेलवे ट्रैक पर सीमेंटेड स्लीपर रख दिया गया था। जिसे लोको पायलट की सतर्क निगाहों ने देख लिया और सूझबूझ का परिचय देते हुए लोको पायलट द्वारा ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगाया तो गया किन्तु इंजिन का कैटल गार्ड आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।वहीं इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरातफरी मच गई।वहीं ट्रेन को डी-रेल होने से बचा लिया गया। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रैक पर भी निशान पड़ गए ।इस दौरान ट्रेन करीब 20 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ी रही।
गौरतलब हो कि दानापुर रेल खंड के भदौरा तथा गहमर स्टेशनों के बीच इन दिनों अराजक तत्वों के द्वारा ट्रेन डि-रेल करने की यह दूसरी घटना है।इसके पहले गहमर स्टेशन से पूरब बीते10 मई को अराजक तत्वों द्वारा अप रेलवे ट्रैक पर रेलवे लाईन का टुकड़ा रख दिया गया था किंतु डाउन रूट से गुजर रही कुर्ला राजेंद्रनगर बॉम्बे जानता एक्सप्रेस के लोको पायलट की नजर अप ट्रैक पर रखे लोहे के टुकड़े पर पड़ गई और इसकी सूचना तत्काल गहमर स्टेशन मास्टर को देते हुए दानापुर कंट्रोल रूम को दी तो रेलकर्मियों में हड़कंप मच गया।इस दूसरी घटना के बावजूद आर पी एफ के द्वारा मामले को गंभीरता से नही लिया जा रहा है। अभी पिछले घटना की आर पी एफ अभी जांच ही कर रही है कि दूसरी घटना हो गई। विस्तार से गौर किया जाए तो शनिवार की देर रात करीब 10:30 बजे दिल्ली से सिक्किम जा रही महानंदा एक्सप्रेस अभी दिलदारनगर से आगे बकैनिया गांव के पास पहुंची ही थी कि पोल संख्या 686/ 31-32 के बीच लोको पायलट को रेलवे ट्रैक पर सीमेंटेड स्लीपर दिखाई दिया।लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद ट्रेन काफी करीब से स्लीपर से जा टकराई जिससे इंजन का अगला कैटल गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया। लोको पायलट द्वारा घटना की जानकारी भदौरा रेलवे स्टेशन व दानापुर मंडल को दिए जाने पर रेल अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
कंट्रोल रूम की सूचना पर पहुंचे रेल कर्मचारियों ने मौके पर जाकर डाउन रेल पटरी से क्षतिग्रस्त सीमेंटेड स्लिपर को हटाया और रेल इंजन की जांच पड़ताल के बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इस दौरान ट्रेन करीब 20 मिनट तक वहीं खड़े रही।
इस संबंध में आरपीएफ वरीय सुरक्षा आयुक्त दानापुर प्रकाश कुमार पंडा ने बताया कि गहमर और भदौरा रेलवे स्टेशन के बीच बकैनिया गांव के पास महानंदा एक्सप्रेस को डी-रेल करने की साजिश की गई थी। आरोपियों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इससे पूर्व भी बीते 10 मई की रात्री गहमर में अराजक तत्वों के द्वारा रेलवे ट्रैक पर स्लीपर रखकर ट्रेन को डी रेल करने की साजिश की गई थी। आएदिन हो रहे इस तरह के रेल घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरपीएफ की कई टीमें लगाई गई हैं। दिलदारनगर आरपीएफ के उपनिरीक्षक नवीन कुमार एवं स्थानीय पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन की जा रही है।
वही स्थानीय लोगों के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि आरपीएफ के जवानों के द्वारा रेलवे ट्रैक के आसपास गश्त नहीं किया जाता है जिसके कारण क्षेत्र के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है जिससे आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। लोगों ने आरपीएफ के क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की मांग की है।
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