खटारा वाहन बढ़ा रहे प्रदूषण, लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा असर

सेवराई। सड़कों पर दौड़ रहे पुराने व खटारा वाहनों से निकलने वाले धुएं से हवा जहरीली हो रही है। काफी पुराने वाहनों के धुएँ से निकलने वाला कार्बन डाइआक्साइड, सल्फर प्रतिकूल असर डाल रही हैं। गंभीर बात यह है कि हवा को विषाक्त बना रहे ऐसे वाहनों पर रोक लगाने के लिए परिवहन और पुलिस विभाग गंभीर नहीं है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। और लोग तरह-तरह के बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। सेवराई तहसील के अलावा भदौरा विकास खंड क्षेत्र में अनगिनत वाहन है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जाता। क्षेत्र में दर्जनों आटो, चार पहिया व दो पहिया वाहन आदि ऐसे हैं जो पुराने मार्डल के है। जो काला धुआं छोड़कर समस्या को बढ़ा रहे हैं।
सड़कों पर रोजाना दौड़ रहे हजारों अनफिट वाहन लोगों का जान खतरे में डाल रहे हैं। पुराने व खटारा वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं लोगों में बीमारिय बांट रहा है। जहरीला धुंआ इन छोटे-बड़े वाहने से उगलते क्षेत्र के व्यस्त इलाके में पैदल चलने वालों को भी परेशानी होती है। इसके बाद भी जिम्मेदर अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती। जिससे लोगें धुआं से दमा सहित अन्य घातक खुजली आदि की समस्या आम हो बीमारियों का खतरा मंडराने लग जाती है। ऐसे में सभी को सचेत रहने हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग भी सांस की आवश्यकता है ताकि प्रदूषण के की बीमारियों (एलर्जी अस्थमा, टीबी आदि टीबी आदि) से ग्रसित मरीजों को लेकर चिंतित हैं। ठंड और प्रदूषण से अस्थमा, सांस लेने में परेशानी एवं एलर्जी की समस्याएं बढ़ जाती है। प्रदूषण की वजह से अस्थमा रोगियों में हांफने और बेचने की स्थिति देखी जाती है। वहीं आम सामान्य लोग भी सर्दी, खांसी, नाक से पानी आना जैसे समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। बढ़ते प्रदुषण के कारण आंखों से पानी आना, उनमें खुजली आदि की समस्या आम हो जाती है। ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है।ताकि प्रदुषण के दुष्प्रभावों से बच जा सके।
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