
गाजीपुर: गाजीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद थाना अंतर्गत मोहनपुरा में सवर्णों और दलितों के बीच मारपीट हो गई। जिसके बाद उक्त स्थान पर बवाल को देखते हुए मोहम्मदाबाद, बरेसर, कासिमाबाद, नोनहरा के थाने की पुलिस को भी आना पड़ा।
जानकारी के अनुसार ग्रामसभा मोहनपुरा के पूर्व प्रधान द्वारा रविदास मंदिर के नाम पर चार मंडे की जमीन को दे दिया गया। जिसमे ग्रामीण शादी-विवाह के मौके पर भी बारात या फिर अन्य किसी तरह का कार्य भी कर लिया करते हैं।
इसी जगह एक पीपल का पेड़ है जहां लोगों ने घण्ट बांधना शुरू कर दिया। लेकिन असल विवाद तब हुआ जब मोहम्मदाबाद के तहसीलदार पहुचकर उक्त गांव समाज की जमीन को आधा-आधा कर सवर्णों को चहारदीवारी करवाकर देने लगे।
कुछ दिन पहले प्रशासन के द्वारा दलित के घर की पुरानी दीवाल को हटाया गया था और शुक्रवार को उसका चऊतरा के बहाने लगभग आधा जमीन को पकड़ कर प्रशासन के संरक्षण में गांव के सवर्ण दबंग लोगों के द्वारा पार्टीशन करने के लिए नींव की खुदाई कराई जा रही थी।
जिसका दलित समुदाय के लोगों द्वारा उसको पार्टीशन न करने का विरोध किया परंतु दबंग प्रशासन के साथ मिलकर पार्टीशन करने पर अड़े रहे। दलितों का कहना है कि यदि चहारदीवारी ही करानी है तो पूरे मैदान का करा दें जिसमें किसी को अप्पति नहीं है।
लेकिन प्रशासन उनकी न एक सुनकर कुछ लोगों के दबंगई में उस काम को कराया जा रहा था। दलित समुदाय के लोगों द्वारा पार्टीशन का विरोध करने पर दोनों पक्षों में आपस में कहासुनी हुई और उसके बाद लाठी-डंडे चलने शुरू हो गए और जिसके बाद काम बंद हो गया।
इस समय भी वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। वहाँ के लोगों का कहना है कि यदि शासन-प्रशासन के द्वारा इस प्रकरण पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो कि कभी भी अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं।
वहीं दलितों समुदाय के लोगों का कहना है कि मनोज सिन्हा का नाम बेचकर उन्हीं के गांव में उन्हीं के बिरादरी के लोग दबंगई कर इस प्रकार का घृणित कार्य करवाने पर उतारू हैं। देश की राजनीति में एक साफ सुथरी छबि रखने वाले भाजपा के दिग्गज नेता व वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नाम पर कीचड़ उछाल रहे हैं।