अत्याधुनिक मशीनें ना होने के कारण प्रसव पीड़ित एवं सामान्य दुर्घटनाओं में आने वाले मरीजों को करना पड़ता है रेफर

सेवराई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा पर अत्याधुनिक मशीनें ना होने के कारण प्रसव पीड़ित एवं सामान्य दुर्घटनाओं में आने वाले मरीजों को करना पड़ता है रेफर। कई बार मरीजों को अस्पताल ले जाते समय हो जाती है मौत। मरीजों ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए स्वास्थ्य केंद्र पर अल्ट्रासाउंड मशीन और एक्सरे मशीन के साथ-साथ अन्य आवश्यक उपकरण मुहैया कराने की मांग की है।
करीब 3 दशक पूर्व भदौरा ब्लाक मुख्यालय के 46 ग्राम पंचायत सहित पड़ोसी राज्य बिहार के कई गांव को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश सिंह के द्वारा 30 बेड के अस्पताल की मंजूरी दिलाते हुए शासन द्वारा निर्माण कार्य कराए गया था। तब लोगों को उम्मीद जगी कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उन्हें अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन बदलते परिवेश के बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ सुविधा मुहैया ना होने के कारण यहां के मरीजों को महंगे इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम में जाने को विवश होना पड़ता है।
गोड़सरा गांव निवासी संतोष राम, इमरान खान, संजू देवी, संदीप शर्मा, बलवंत कुशवाहा, सद्दाम हुसैन, महेंद्र यादव, प्रवीण यादव, नौशाद खान आदि ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ित महिलाओं के इलाज व जांच के लिए अल्ट्रासाउंड नहीं है साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों के इलाज के लिए एक्स रे मशीन तक नहीं है। जिससे यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार कर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। मरीजों को अस्पताल पर बेहतर इलाज ना मिलने के कारण उन्हें मजबूरी बस निजी नर्सिंग होम में महंगे इलाज के लिए विवश होना पड़ता है।
एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने बताया कि भदौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संचालित दिलदारनगर में तीन, बारा में दो, सेवराई में एक, मनिया में एक सहित सीएससी मुख्यालय पर एक सहित कुल आठ केंद्र बनाए गए हैं जहां प्रसव पीड़ित महिलाओं को इलाज मुहैया कराया जाता है। लेकिन संसाधनों के अभाव के कारण मरीजों को काफी दुश्वारियां उठानी पड़ती हैं कभी-कभी तो उनकी जान भी खतरे में पड़ जाती है। चिकित्साधिकारी डॉ धनंजय आनंद ने बताया कि अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीन के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।