
सेवराई (मारूफ खान): तहसील क्षेत्र के अमौरा गांव में चकरोड उखाड़ने को लेकर उपजे विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। उधर सूचना पाकर मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी सेवराई राजेश प्रसाद चौरसिया ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
लघु डाल विभाग द्वारा गांव के दक्षिण साइड से नहर को मुख्य नहर से जोड़ने के लिए नाली का निर्माण कराया गया था लेकिन कागजात में चक नाली की जगह पर चकरोड स्थापित था जिसे वर्ष 2019-20 के विकास कार्य के दौरान तत्कालीन ग्राम प्रधान ने चकरोड निर्माण करा दिया। अब ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध ना होने पर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की थी।
सेवराई एसडीएम कोर्ट में भी मामला विचाराधीन है। इधर लघु डाल विभाग के जेई व एक्सईएन भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर खड़ंजा उखाड़ने की कार्रवाई में जुड़ गए। सूचना मिलते ही तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं उसके समर्थकों में हड़कंप मच गया भारी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों ने अपनी दलील में बताया कि उसने हर से पानी कभी नहीं जा रही थी और नक्शा खसरा खतौनी आदि में भी चकरोड यथास्थिति अपनी जगह पर स्थापित है।
पूर्व प्रधान परमहंस सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग जबरन ही रोड उखाड़ने की कार्रवाई कर रहा है जबकि ग्रामीणों की मांग पर लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए लाखों रुपए की लागत से खड़ंजा का निर्माण कार्य कराया गया था।
इधर हंगामा की सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी राजेश प्रसाद भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
साथ ही विभाग को यह निर्देश दिया कि सड़क के नीचे पाइप लाइन बिछाकर नहर के पानी की निकासी की जाए और ऊपर से चकरोड का निर्माण हो ताकि लोगों के आवागमन अवरुद्ध ना हो और किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी मिल सके। उप जिलाधिकारी के इस फैसले कि ग्रामीणों ने सराहना की।