
गाजीपुर: जिला पंचायत राज अधिकारी गाजीपुर कार्यालय में प्राईवेट मोटर वाहनों को लेकर भ्रष्टाचार चरम पर पहुच गया है।
बता दें चलें कि जिला पंचायत राज अधिकारी गाजीपुर कार्यालय द्वारा परमिट्युक्त कुछ वाहनों को सरकारी कार्य मे लगाने का प्रावधान नियमानुसार है लेकिन यहाँ तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी नियमों व विनियमों को ताख पर रखते हुए गैर-परमिट्युक्त वाहनों को अनुमति दे दी, जो शासकीय नियमो का अतिलंघन है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सभी वाहन जिला पंचायत राज अधिकारी गाजीपुर के कार्यालय में तैनात एक बाबू का बताया जाता है और डीपीआरओ गाजीपुर और यहाँ बाबू एक लंबी धन उगाही के लिए विभाग को चुना लगाने पर तुले हुए है।
खबरों के अनुसार इस समय जिला पंचायत राज अधिकारी गाजीपुर कार्यालय भ्रष्टाचार के आकंठ में इस कदर डूबा है कि नियमों को ताख पर रखना अपने विभागीय आदेशों को दरकिनार कर कार्य करने में कोई भय नही है।
इस विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की लिखित शिकायत अश्विनी कुमार नामक शिकायतकर्ता ने गाजीपुर के जिम्मेदार अधिकारी (सीडीओ) को गत दिवस प्रेषित किया जिसे गम्भीरता लेते हुए जिला विकास अधिकारी गाजीपुर के निर्देशन में जांच का आदेश दिया है, समाचार लिखे जाने तक जाँच जारी था, परन्तु जिला विकास अधिकारी की जाँच शंशय की स्थिति में है। और यह रहस्यमय घटना की तरह बनी हुई है, क्यों कि सूत्रों का मानना है कि डीडीओ वर्तमान डीपीआरओ के काफी नजदीकी बताए जातें है।
हमारे सम्बाददाता के अनुसार डीपीआरओ विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जिले में चर्चाएं आम है। सूत्रों की माने तो इस विभाग की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करायी जाए तो कई रहस्यमयी तथ्य का उजागर होगा।