
सेवराई: विकास खंड भदौरा के विभिन्न गांवों में पशुओं में खतरनाक वायरस जनित बीमारी लंपी रोग से पशु पालक भयभीत हैं।पशुपालन विभाग इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा।
पशु अस्पताल में केवल एलबेंडाजोल व किलनी तथा पाचक एक्सपायरी उपलब्ध है। जिसको देकर पशुपालकों को संतुष्ट किया जाता है। इसके लिए भी पर्ची के नाम पर पांच से दस रुपये शुल्क लिए जाते हैं। यह रोग धीरे धीरे अब ग्रामीण इलाकों में भी पांव पसार चुका है, लेकिन विभाग पूरी तरह से बेपरवाह है।
यह भी पढ़ें: गाजीपुर- छुट्टा पशु और बनसुवरों से किसान परेशान
विकास खंड मुख्यालय के परिसर में बने राजकीय पशु चिकित्सालय पर इस रोग से संबंधित न तो कोई दवा है और न ही जांच के कोई यंत्र। यहां कार्यरत डॉक्टर एफ अंसारी का स्थानांतरण लगभग पांच महीने पूर्व गैर जनपद हो जाने के बाद आज तक यहां किसी डॉक्टर की नियुक्त नहीं किया गया। केवल एक फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल का संचालन हो रहा है। ऐसे स्थिति में पशुपालकों के समक्ष मवेशियों की सुरक्षा को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
निजी पशु चिकित्सकों के द्वारा इन पशुओं में फैले रोग की रोकथाम तथा इलाज के साथ इसके बचाव का उपाय सुझाए जा रहे हैं। पशुपालक मवेशियों के इलाज या सलाह के लिए जाएं तो जाएं कहां।
वैसे सरकार द्वारा पशुओं के इलाज के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही जाती रही है। धरातल पर इसका असर नहीं दिखता। निजी पशु चिकित्सक क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहते तो अबतक अनगिनत मवेशी इस महामारी की चपेट में आने से दम तोड़ देते।
यह भी पढ़ें: वीर अब्दुल हमीद के गाँव धामूपुर में कंपोजिट विद्यालय का शौचालय ट्वीट के बाद हुआ चकाचक
बता दें कि मवेशियों के लिए काफी खतरनाक वायरस जनित लंपी रोग से पूरे देश में इस समय कोहराम मचा रखा है। कई पशु असमय इस रोग की वजह से काल के गाल में समा चुके है। देश स्तर पर इसकी काफी चर्चा भी हो रही है। इससे पहले 2019 में इस वायरस का कहर देश में देखने को मिला था।
द सर्जिकल न्यूज़ को YouTube पर देखने के लिए क्लिक करें.