
भांवरकोल: क्षेत्र के गांवों में छुट्टा पशु सहित बनसुवर किसानों के लिए परेशानी का सबक बन गये है। ये आवारा पशु क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसानों को नुकसान कर रहे हैं।
छुट्टा पशुओं ने बोई गई टमाटर एवं मिर्च, हरी सब्जी सहित बाजरा की फसल बर्वाद करने के बाद अब धान की बाली को भी खाना शुरु कर दिया है। क्षेत्र के बाढ़ एवं करईल क्षेत्र के गांवों के किसान इन आवारा पशुओं से बहुत ही परेशान तथा त्रस्त है।
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इन गांवों के किसानों का कहना है कि बाजारा की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया था।अब दर्जनों की संख्या में आकर धान को काटकर खेत में छोड़ देने पर भी धान की बाली को खा जा रहें है। फलस्वरुप परिश्रम के साथ पूँजी समाप्त हो रही है।
क्षेत्र से छुट्टा एवं अवारा पशुओं को पकड़ कर पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाए जाने का शासन का निर्देश तथा जिलाधिकारी का आदेश हवा- हवाई साबित हो रहा है। पशु विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी भी आँख मूँदे हुए है।
ग्रामीण इलाको में इन पशुओं को घूमते हुए देखा जा सकता है। इन पशुओं को बीच सड़क पर खड़ा हो जाने से यातायात व्यवस्था भी बाधित हो रही है। रात में मुख्य मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। सुबह बच्चों को स्कूल भेजने में अभिभावक डरते रहते है।
उधर जिम्मेदार अधिकारी इन पशुओं को पशु गोआश्रम पर भेजे जाने की बात कह कर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। विभिन्न गांवों में इस तरह घूमते रहने से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
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हालांकि इन छुट्टा पशुओं को पकड़ कर रखने के लिए आसपास कोई भी नियत स्थान नहीं है। इस समय इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। क्षेत्र के किसानों ने जिले के आला अधिकारियों कि ध्यान आकृष्ट करते हुए इन आवारा पशुओं से निजात दिलाने की माँग की है।
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