Nithari Murder Case: CBI Court ने सुरेन्द्र कोली को मौत की और मनिंदर सिंह पंढेर को सात साल की सजा सुनाई
Nithari Murder Case: CBI Court sentenced Surendra Koli to death and Maninder Singh Pandher to seven years

द सर्जिकल न्यूज़ डेस्क: Nithari Murder Case में सीबीआई कोर्ट ने दोनों दोषियों को सजा सुना दिया है. कोर्ट ने सुरेन्द्र कोली को आजीवन कारावास के साथ मौत की सजा सुनाई है वहीं मनिन्द्र सिंह पंढेर को 7 साल जेल ई सजा सुनाई है. बता दें कि इस मामले में यह सीबीआई कोर्ट में आख़री मुकदमा था.
विशेष लोक अभियोजक दर्शन लाल ने मीडिया से बताया कि सीबीई ने इस मामले में 83 गवाहों को कोर्ट में पेश किया. इन गवाहों के आधार पर सुरेन्द्र कोली को हत्या, बलात्कार,साजिश रचने और सबूत मिटाने का दोषी पाया गया और मनिंदर सिंह पंढेर को मानव तस्करी का दोषी पाया गया.
जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने सुरेन्द्र कोली को आईपीसी की धारा 364 के तहत आजीवन कारावास की सजा और आईपीसी की धारा 302 के अंतर्गत मौत की सजा सुनाई. वहीं मनिन्द्र सिंह पंढेर को अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत 7 साल जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कोली पर 40 रूपये और पंढेर पर 4 हजार रूपये का जुरमाना लगाया है.
लाल ने कोर्ट में दलील दी कि कोली ने ऐसा अपराध किया है जो दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और इससे इस मामले में मृतक महिला के साथ कोली द्वारा की गई क्रूरता जाहिर होती है. इस बीच बचाव पक्ष के वकील सुधीर त्यागी ने कहा कि भ्रष्टाचार और सुबूत मिटाने की आरोपी महिला दरोगा सिमरनजीत कौर को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.
देरी होने के चलते निरस्त हो गई थी फांसी
निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को अब तक 13 मामलों में मौत की सजा मिली है, तो वह तीन मामलों में साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुका है. इस दौरान उसे सिर्फ एक मामले में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद मेरठ में फांसी दी जानी थी, लेकिन देरी होने से सुप्रीम कोर्ट ने फांसी निरस्त कर दी थी. जबकि हाईकोर्ट ने एक मामले में उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. कोर्ट ने तीन मामलों में पंढेर को भी सजा-ए-मौत सुनाई है. वैसे स्पेशल सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा का ऐलान होने के बाद कोली और पंढेर के अधिकांश मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं.
जानें, क्या था पूरा मामला?
29 दिसंबर 2006 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के नोएडा के निठारी केस का खुलासा हुआ था तो उस समय देशभर में क्रूर मामले की चर्चा हुई थी. नोएडा के निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे.
यह सब 40 पैकेटों में भरकर नाले में फेंक दिए गए थे. इसके बाद पुलिस ने कारोबारी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था. इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था.
सुरेंद्र कोली उत्तराखंड का रहने वाला है और वह कारोबारी मनिंदर सिंह पंढेर के घर पर काम करता था. यही नहीं, 2004 में जब पंढेर का परिवार पंजाब चला गया था, तो पंढेर और उसका नौकर सुरेंद्र कोली ही घर में रहते थे.
इस दौरान दोनों ने महिलाओं और बच्चियों को अपना शिकार बनाया था. वहीं, निठारी कांड के खुलासे के बाद देशभर में हड़कंप मच गया था. इस प्रकरण में कुल 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे और अदालत में 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था.