पीड़िता की बयान दर्ज कराने की कोशिश देख छलक पड़े थे -पुलिस वालो के आंसू

पीड़िता की बयान दर्ज कराने की कोशिश देख छलक पड़े थे -पुलिस वालो के आंसू
हाथरस।पीड़िता की बयान दर्ज कराने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मीयो के आंखो में आंसू आ गये बता दे कि दरिंदों की हैवानियत का शिकार होने के बाद बीते दो हफ्तों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हाथरस के चंदपा क्षेत्र की अनुसूचित जाति की बिटिया ने आज(29 सितंंबर) दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अंतिम सांस ली। पीड़िता 14 सितंबर को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई थी और सोमवार को हालत बिगड़ने के बाद उसे अलीगढ़ से सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था।
आरोपियोंं ने सिर्फ उस मासूम पीड़िता के साथ दुष्कर्म ही नहीं किया था बल्कि उसकी गर्दन भी तोड़ दी थी और जीभ भी काटी थी। इसके बाद पीड़िता के लिए पुलिस को अपना बयान देना आसान नहीं था। लेकिन बहादुर बिटिया ने हिम्मत नहीं हारी और पुलिस को आरोपियों के बारे में सबकुछ बताया। बता दे कि जीभ कटने के बाद असहनीय दर्द में भी 14 सितंबर की घटना के बाद 19 सितंबर को विवेचक जब पीड़िता का बयान दर्ज करने पहुंचे तो वह इस कदर दहशत और बेहोशी की हालत में थी कि अपने साथ हुई घटना की दास्तां बया नहीं कर सकी। 22 सितंबर को विवेचक ने दोबारा जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बयान दर्ज किए।
तब वह अपने साथ हुई दरिंदगी को बमुश्किल इशारों में बयां कर सकी। उसके बाद पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इस तथ्य को खुद विवेचक सीओ ने अपने उच्चाधिकारियों को भेजी दो पेज की रिपोर्ट में उजागर किया है।