
गाजीपुर/बाराचवर: बरेसर थाना अंतर्गत सिउरी अमहट में एक युवक को बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया। घटना वृहस्पतिवार शाम लगभग साढ़े चार बजे की है।
पहले लूटे लैपटॉप सहित तीन लाख चालीस हजार रुपये
बाराचवर का सीएसपी संचालक संत कुमार यादव सिउरी अमहट से पैसा उतारकर लैपटॉप आदि लेकर घर लौट रहा था जब वह बांकी खुर्द के एक निजी स्कूल के पास पहुंचा तभी बदमाशों ने असलहे के बल पर गाड़ी रुकवाई और नगदी सहित लैपटॉप छीन लिए।
फिर तेजी से बाराचवर की ओर अपनी अपाची बाइक से भागने लगे। थोड़ी ही दूर आगे जाने पर नियंत्रण खोकर गिर गए फिर उठाकर गाड़ी स्टार्ट करने लगे लेकिन उनकी बाइक स्टार्ट नहीं हुई। तभी पास में सूर्यभान बाइक लेकर खड़ा था उसकी बाइक छिनने लगे विरोध करने पर गोली मार दी और फरार हो गए।
बाइक छिनते वक़्त मेरी गोली
सूर्यभान चौहान पुत्र श्रीराम चौहान चौथीबान्ध ब्लॉक बाराचवर का निवासी था। सूर्यभान की तीन संतान हैं। वह बांकी की रहने वाली अपनी बहन भानमती को लेकर दूसरी बहन सुगन से मिलाने मधुकीपुर गया हुआ था। वहां से वापस अपनी बहन भानमती को बांकी छोड़कर अपने भैने के साथ चौथीबान्ध जा रहा था।
वहीं काशीनाथ इंटरनॅशनल स्कूल के पास भैने को भेज समोसा लेने और खुद सड़क के किनारे बाइक खड़ी कर रुक गया। तभी पैसा लूटकर भाग रहे बदमाशों ने बाइके छिनते वक़्त सूर्यभान को गोली मार दी और अपनी अपाची बाइक छोड़कर सूर्यभान की स्प्लेंडर बाइक लेकर फरार हो गए।
पहले भी हो चुकी है यहां ऐसी बारदात
इस क्षेत्र की पहली घटना नहीं है कुछ महीने पहले ही इसी स्थान पर दया यादव का पैसा लूटने का प्रयास बदमाश कर चुके हैं। जिसमे पैसा तो लूटे ही गोली भी दागी थी। हालांकि सीएसपी संचालक दया यादव बच गए थे।
मौत की बारदात के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया और मुआवजों की मांग करने लगे। जिसके बाद मौके पर बरेसर पुलिस, मोहम्मदाबाद पुलिस, करीमुद्दीनपुर पुलिस को भी हालत की गंभीरता को देखते हुए पहुंचना पड़ा।
फिर भी लोगों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से मना कर दिया। जिसके बाद एसडीएम कासिमाबाद के काफी देर तक समझाने के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और डीएम गाजीपुर व एसपी ग़ाज़ीपुर के पहुचने पर लोगों ने शव को पुलिस को सौंपा।
112 भी सवालों के घेरे में
लोगों का कहना था कि पुलिस को घंटों 112 पर कॉल करने पर भी पुलिस मौके पर समय से नहीं पहुंची। इससे पहले 112 की पुलिस इधर ही रहती थी और बारदात के दिन घंटों बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।