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ज्योतिष

जानिए कैसे मिलेगी मनचाही नौकरी? कब होगी प्रोन्नति?

व्यवसाय का सम्बन्ध जीविका से है। जीविका के लिए व्यक्ति व्यापार करता है या नौकरी. इसका स्तर छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी। इसमें पदोन्नति भी होती है और स्थानांतरण भी। प्रश्न कुण्डली रोजगार और व्यवसाय से सम्बन्धित सभी पहलूओं का उत्तर देने में सक्षम है।

व्यवसाय एवं भाव —
दशम भाव व्यवसाय का भाव होता है । इस भाव में स्थित राशि, ग्रह एवं रशिश तथा इस भाव से सम्बन्ध रखने वाले ग्रहों से व्यवसाय के विषय में जानकारी मिलती है।

दशम भाव मे अग्नि तत्व की राशि जैसे मेष, सिह या धनु हो तो व्यक्ति शल्य -चिकित्सक अथवा इंजीनियर हो सकता है।

दशम भाव मे पृथ्वी तत्व की राशि यानी वृषभ, कन्या या मकर हो तो ज़मीन से जुडे हुए व्यवसाय का संकेत प्राप्त होता है। इस स्थिति में व्यक्ति कृषि, खनिज, भूगर्भवेत्ता, श्रमिक, ट्रांसपोर्टर, रेलवे इत्यादि से सम्बन्धित हो सकता है।

दशम भाव मे वायु प्रधान राशि मिथुन तुला और कुम्भ होने पर उच्च स्तर के व्यवसाय मिलते है। कुण्डली में यह स्थिति होने पर व्यक्ति लेखक, कलाकार, लेखाकार, वकील, प्रबन्धन सलाहकार और कागजो और दस्तावेजो से सम्बन्धित कार्यों मे संलग्न होता है।

दशम भाव में जलीय राशि अर्थात कर्क, वृश्चिक अथवा मीन होने पर व्यक्ति जल क्षेत्र से सम्बन्धित कार्यों को करने वाला होता है जैसे नौसेना, जलपोत, मछली विक्रेता, तैराकी आदि।

नौकरी की कब मिलेगी?
प्रश्न लग्न मे उदित स्थिर राशि नियुक्ति के लिए अनूकुल होता है । लग्नेश का दशमेश से सम्बन्ध हो और इसमे सूर्य भी शामिल हो तो नौकरी शीघ्र मिलती है. केन्द्रो और त्रिकोणो मे शुभ ग्रह होने पर नौकरी मिलने की सम्भावना होती है।

नौकरी दो विधियो के द्वारा सम्भव है लिखित और साक्षात्कार. लिखित के लिए लग्नेश का तृ्तीयेश, दशमेश और एकादशेश से सम्बन्ध आने पर तथा साक्षात्कार मे सफलता के लिए लग्नेश का द्वितीयेश दशमेश और एकादशेश के साथ अनुकूल सम्बन्ध होने पर नौकरी मिलती है।

पदोन्नति?
हर व्यक्ति यह जानना चाहता है की उसकी पदोन्नति होगी या नही।जीवन मे आगे बढ़ने की चाहत एक सामान्य सी बात है।प्रश्न ज्योतिष के अनुसार पदोन्नति मिलने की संभावना तब बनती है जब लग्नेश, दशमेश और चन्द्र शुभ योग मे हों । अगर यह योग चर राशियो में हो तो पदोन्नति जल्दी मिलती है. अगर योग स्थिर राशि में हो तो पदोन्नति नहीं मिलती है जबकि द्विस्वभाव राशियों  में यह योग होने पर मंद गति से तरक्की मिलती है।
लग्न अथवा दशम भाव मे द्विस्वभाव राशि में अगर यह योग बनता है तब पदोन्नति जल्दी मिल जाती है इसी प्रकार लग्नेश अथवा दशमेश द्विस्वभाव में राशि में हो और यह बनता है तब भी तरक्की जल्दी मिलती है।

स्थानान्तरण?
नौकरी में स्थानांतरण सामान्य सी बात है. कभी किसी के लिए यह खुशी का कारण होता है तो किसी को इससे परेशानी होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार स्थान परिवर्तन ग्रहों और राशियों का फल है। प्रश्न कुण्डली में जब लग्न मे चर राशि हो और लग्नेश का तृतीयेश अथवा नवमेश के साथ सम्बन्ध हो तो स्थानान्तरण का संकेत मिलता है।

नवम भाव में स्थित ग्रह अगर लग्न स्थान को अथवा लग्नेश को देख रहा हो तो स्थानान्तरण की संभावना होती है . इसी प्रकार जब लग्नेश का तृतीयेश या नवमेश से सम्बन्ध होता है तो स्थानान्तरण होगा ऐसा समझा जाता है।

मनचाही नौकरी की प्राप्ति?
लग्नेश और दशमेश मित्र हो और पाप ग्रहो से मुक्त हो या लग्नेश और दशमेश शुभ भावो मे स्वराशि या उच्च राशि मे हो तो मनचाही नौकरी की मिलने की संभावना बनती है। चन्द्र का लग्नेश या दशमेश से शुभ युति या दृष्टि सम्बन्ध होने पर व्यक्ति को सम्मानित उच्च पद प्राप्त होता है।

किसी भी प्रकार की ज्योतिष सम्बंधित समस्या समाधान के लिए पं. वेदप्रकाश पटैरिया  शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) से सीधे संपर्क करें- 9131735636

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द सर्जिकल न्यूज़ डेस्क

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